टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के ग्रह दोष, भाग्य वृद्धि और रोगों से मुक्ति पाने के लिए कई रत्न और धातुओं को धारण करने की विधियां बताई गई हैं. इनमें सोना सबसे महत्वपूर्ण है. सोना बहुत ही मूल्यवान वस्तु है. माना जाता है कि सोना पहनने से भाग्य खुल जाते हैं लेकिन इसके भी कुछ नियम हैं. अगर इसका पालन ना किया जाए तो सोना अपना दुष्प्रभाव भी दिखाने लगता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना धातु पहनने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और जीवन में धन-धान्य और सुख-समृद्धि का आगमन होता है. सोना ही हर किसी को धारण नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं सोना धारण करने के नियम.जिन जातकों का लग्न मेष, कर्क, सिंह और धनु है. उन लोगों के लिए सोना पहनना शुभ होता है. शरीर के अलग-अलग अंगों में सोना पहनने का अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. जैसे गले में सोना पहनने से गुरु ग्रह कुंडली के लग्न भाव में अपना प्रभाव दिखाता है. जबकि हाथ में सोना पहनने का मतलब है कि गुरु आपके तीसरे भाव में होगा जो पराक्रम का भाव है. मेष, सिंह, कन्या और धनु राशि के जातकों के लिए सोना शुभ फलदायी साबित होता है. सोना पहनने से इन लोगों को कर्ज से मुक्ति मिलती है और आय के नए रास्ते खुलने लगते हैं.
इन लोगों को नहीं पहनना चाहिए सोना
रत्न शास्त्र के अनुसार वृषभ, मिथुन, वृश्चिक और कुंभ राशि के लोगों सोना भूलकर भी नहीं धारण करना चाहिए. इन लोगों को सोना नुकसान पहुंचा सकता है. तुला और मकर राशि के जातकों बहुत कम मात्रा में सोना पहनना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लोहे और कोयला व्यापारियों को सोना धारण करने से बचना चाहिए. व्यापार का संबंध शनि ग्रह से होता है और शनि देव का संबंध गुरु ग्रह से अच्छा नहीं है. ऐसे में आपको बिजनेस में घाटा हो सकता है. कुंडली में गुरु की स्थिति खराब हो तो भी सोना पहनने से परहेज करना चाहिए. शनि के अशुभ दशा में होने पर भी सोना धारण न करने की सलाह दी जाती है.
किस अंगूली में पहनें सोने की अंगूठी
सोने की अंगूठी बाएं हाथ में पहनना अशुभ माना जाता है. वहीं, पुखराज रत्न के साथ सोने की अंगूठी पहनने के लिए दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में पहनें. तर्जनी अंगुली में सोने की अंगूठी पहनने से एकाग्रता बढ़ती है और राजयोग भी मिलता है. अनामिक अंगुली में सोने की अंगूठी धारण करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. वहीं, कनिष्ठा अंगुली में इसे धारण करने से सर्दी-जुकाम या सांस की बीमारी से छुटकारा मिलता है.