टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए वन रैंक वन पेंशन योजना को रिवाइज कर दिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वन रैंक वन पेंशन का रिवीजन किया गया है और पहले इस योजना में 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था, लेकिन अब रिवीजन के बाद 25 लाख लोगों को फायदा होगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार पर 8500 करोड़ का भार आएगा.
The Union Cabinet chaired by Prime Minister Shri @narendramodi today approved the revision of pension of Armed Forces Pensioners/family pensioners under the One Rank One Pension w.e.f.July 01, 2019. pic.twitter.com/SgY98ob2re
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 23, 2022
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि ओआरओपी का लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं एवं दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा. उन्होंने बताया कि इसके कारण सरकारी कोष पर प्रति वर्ष 8450 करोड़ रूपये का भार पड़ेगा.
जुलाई 2019 में लागू किया जाएगा
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा, जिसमें 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है. उन्होंने कहा इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा.
सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि OROP में हुए संशोधन से युवा सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए आकर्षित होंगे. सरकार ने यह भी कहा कि यह ओआरओपी के तहत रक्षा बल कर्मियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में संशोधन के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करेगा. सरकार ने कहा कि एरियर का भुगतान चार छमाही किश्तों में किया जाएगा.
क्या है वन रैंक वन पेंशन स्कीम?
वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) का अर्थ सशस्त्र बलों के कर्मियों को समान रैंक और समान अवधि की सेवा के लिए समान पेंशन का भुगतान है, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि कुछ भी हो. उदाहरण के तौर पर अगर एक अधिकारी जो 15 वर्षों (1985 से 2000 तक) के लिए सेवा में रहा है, और 2000 में सेवानिवृत्त हुआ, उसे 2010 में सेवानिवृत्त होने वाले और 1995 से 2010 (15 वर्ष) तक सेवा में रहने वाले अधिकारी के समान ही पेंशन मिलेगी.