टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि केजरीवाल सरकार की तरफ से दिए गए राजनीतिक विज्ञापनों का खर्च आम आदमी पार्टी से वसूला जाए। एलजी ने अपने आदेश में कहा है कि राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापनों के तौर पर प्रकाशित करने के लिए आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये रिकवर किया जाए। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार 2015 में दिए सुप्रीम कोर्ट और 2016 के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसलों का अबतक उल्लंघन करती आई है।दिल्ली के चीफ सेक्रटरी को दिए निर्देश में एलजी सक्सेना ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ‘कंटेंट रेग्युलेशन इन गवर्नमेंट एडवर्टाइजिंग’ (CCRGA) पर नियुक्त कमिटी के 16 सितंबर 2016 के आदेश का पालन किया जाए। CCRGA ने आम आदमी पार्टी को 97 करोड़ 14 लाख रुपये ब्याज के साथ सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया था। कमिटी ने अपने आदेश में कहा कि राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के तौर पर प्रकाशित किया गया जिससे एक राजनीतिक दल को फायदा पहुंच रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की भी अवमानना है।सुप्रीम कोर्ट ने भी 13 मई 2015 को अपने आदेश में केंद्र और सभी राज्य सरकारों को ऐसे सरकारी विज्ञापनों से बचने को कहा था जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार के किसी चेहरे या राजनीतिक पार्टी का प्रचार करना हो। कोर्ट ने इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी किए थे। इसी आदेश के पालन के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से अप्रैल 2016 में CCRGA का गठन किया था।
CCRGA ने जांच में पाया कि केजरीवाल सरकार की तरफ से दिए गए कुछ विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ हैं। 97,14,69,137 रुपये के विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते पाए गए। इसमें से 42,26,81,265 रुपये का भुगतान दिल्ली सरकार की तरफ से कर दिया गया लेकिन 54,87,87,872 रुपये का भुगतान अब भी बचा है। अब एलजी ने दिल्ली सरकार की तरफ से पहले ही भुगतान की जा चुकी 42 करोड़ की रकम और बकाए करीब 55 करोड़ की रकम को भी आम आदमी पार्टी के खाते से जमा कराने का आदेश दिया है।