टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास का इलाका यांगत्से भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प का गवाह बना। चीनी सैनिक 300 की संख्या में आए जिन्हें भारतीय सैनिकों ने अच्छे से सबक सिखाया और फिर पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PL) के जवान मुंह लटकाए लौट गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर को एलएसी पर जो कुछ हुआ, उसका ब्योरा और वहां के ताजा हालात के अपडेट संसद को दिए। हालांकि, विपक्ष ने सरकार पर सवालों से भागने का आरोप लगाया। ध्यान रहे कि विपक्ष चीन के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए दो सालों से घात लगाए बैठा है। ऐसे में तवांग झड़प ने उसके आरोपों की तोप में गोला भरने का ताजा-ताजा मौका दे दिया। निश्चित रूप से सरकार भी दबाव महसूस कर रही है, लेकिन यह जताना और बताना नहीं चाहती है। इसलिए संकेतों और संदेशों पर बड़ी बारीकी से काम हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद भवन में आयोजित बीजेपी संसदीय दल की बैठक में जो किया, वो इसी बारीक कदम का एक उदाहरण माना जा सकता है।
दरअसल, शीत सत्र के छठे दिन संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी ने संसदीय दल की बैठक बुलाई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भाग लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस बैठक में उपस्थित रहे। मीटिंग रूम में तमाम बड़े नेताओं का जमावड़ा लगा था। फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए। सभी ने उनका जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री सबका अभिवादन करते हुए वहां पहुंचे जहां गृह मंत्री शाह, रक्षा मंत्री सिंह और बीजेपी अध्यक्ष नड्डा थे। पीएम मोदी के वहां पहुंचते ही कैमरों की क्लिक-क्लिक होने लगी। तस्वीर लिए जा रहे थे, तभी पीएम ने दो कदम की दूरी पर खड़े राजनाथ सिंह को साथ आने का इशारा किया। अगले ही पल पीएम ने रक्षा मंत्री का हाथ पकड़ा और खींचकर अपने बगल में ले आए।
आप कहेंगे, ये कौन सी बड़ी बात है? बड़ी बात नहीं, बड़ा संकेत है। आपने कितनी बार पीएम मोदी को किसी को खींचकर अपने साथ खड़ा करते हुए देखा है? ऐसे मौके बहुत कम आए होंगे। दरअसल, ऐसा तभी होता है जब पीएम को यह संदेश देना हो कि सरकार चट्टान की तरह आपके साथ खड़ी है। विरोधी दलों के नेता यूं तो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही हमला कर रहे हैं, लेकिन चीनी सैनिकों के साथ झड़प का विषय तो रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है। और मंत्री हैं- राजनाथ सिंह। अगर सरकार ने विपक्ष के दबाव में कुछ फैसला लिया तो निश्चित रूप से राजनाथ सिंह सीधे तौर पर प्रभावित होंगे, हो सकता है वो नप भी जाएं। तो विपक्ष के हमलों के बीच सरकार क्या सोच रही है? इसका जवाब प्रधानमंत्री ने राजनाथ सिंह का हाथ पकड़ कर दिया। वो कहते हैं ना- कई बार एक तस्वीर, हजारों शब्दों पर भारी पड़ जाती है। संसद भवन का यह नजारा, वही है।
#WATCH | PM Narendra Modi receives a warm welcome at the BJP’s Parliamentary meeting which is underway at Parliament. pic.twitter.com/BxJHQodMLP
— ANI (@ANI) December 14, 2022