टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
चीन की सेना ने एक बार फिर दुस्साहस किया है। यह कुछ गलवान पार्ट-2 जैसा था। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प (Border Clash) में कई जवान घायल हुए हैं। जैसे ही यह खबर मीडिया में आई, विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सत्र चल रहा है तो संसद को सूचना क्यों नहीं दी गई? उधर, कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से कहा गया, ‘अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर है। वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’ साफ है 13 दिसंबर को संसद में यह मुद्दा उछलेगा और विपक्ष इस पर हंगामा कर सकता है।
पूर्वी लद्दाख में गलवान झड़प के बाद इस तरह की पहली घटना सामने आई है। 9 दिसंबर को इस झड़प में कई भारतीय सैनिक घायल हुए हैं। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में बताया है कि 9 तारीख को अरुणाचल के तवांग सेक्टर में LAC पर पीएलए सैनिक आ गए थे। इस फेस-ऑफ में दोनों तरफ के सैनिकों को मामूली चोट आई है। हालांकि क्षेत्र से जल्द ही दोनों पक्ष पीछे हट गए। बाद में बॉर्डर पर शांति और स्थिरता कायम करने के लिए कमांडरों की मीटिंग भी हुई।