टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
कैंसर का नाम सुनते ही लोग जीवन की आस खो बैठते हैं। वैसे तो कैंसर के सभी प्रकार का इलाज नहीं मुमकिन है। लेकिन ज्यादातर कैंसर बचाव योग्य और उपचार योग्य होते हैं। कैंसर से जान का खतरा तब ज्यादा होता है जब लोग इसके लक्षणों की अनदेखी करते हैं। कैंसर में अक्सर आपके पूरे शरीर में फैलने की क्षमता होती है। ऐसे में कैंसर का जल्द पता लगाना दुनिया भर में इस बीमारी से निपटने के लिए प्रमुख रणनीतियों में से है।2020 में मेडिकल जर्नल लैंसेट ऑन्कोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा कैंसर के लक्षण पर किए गए एक स्टडी से पता चलता है कि 4th स्टेज कैंसर से तीन लक्षण लगातार जुड़े हुए हैं। इस स्टडी में 7 हजार से ज्यादा कैंसर के मरीजों के हर स्टेज के लक्षणों का विशलेषण किया गया और पाया की 80 प्रतिशत लोगों में बॉडी के ऊपरी भाग में तीन समान लक्षण चौथे स्टेज में दिखे थे।
Cancer.net के अनुसार, स्टेज 4 कैंसर का निदान तब किया जाता है जब रोग अपने मूल स्थान से दूसरे अंग में फैल गया हो। इसे आमतौर पर एडवांस या मेटास्टैटिक कैंसर के रूप में जाना जाता है। इस स्टेज में कैंसर का इलाज करना बहुत मुश्किल होता है, जिसके कारण मरीज के बचने की संभावना न के बराबर रह जाती है।
कैंसर के आखिरी स्टेज में नजर आते हैं ये लक्षण
गर्दन की गांठ
सीने में दर्द
पीठ में दर्द
कैंसर के सामान्य संकेत
कैंसर के कारण होने वाले संकेत और लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर का कौन सा हिस्सा प्रभावित हुआ है। लेकिन कैंसर से जुड़े ये संकेत सामान्य तौर नजर आते हैं।
थकान
गांठ
वजन का घटना या बढ़ना
त्वचा के रंग में परिवर्तन
आंत की आदतों में बदलाव
खांसी या सांस लेने में तकलीफ होना
निगलने में कठिनाई
लगातार अपच या बेचैनी
लगातार मांसपेशियों या जोड़ों का दर्द
रात को पसीना आना
कैंसर के कारण
कैंसर कोशिकाओं के भीतर डीएनए में परिवर्तन (म्यूटेशन) के कारण होता है। एक कोशिका के अंदर डीएनए को बड़ी संख्या में अलग-अलग जीनों में पैक किया जाता है, जिनमें से प्रत्येक में निर्देशों का एक सेट होता है जो सेल को बताता है कि क्या कार्य करना है, साथ ही कैसे बढ़ना और विभाजित करना है। निर्देशों में त्रुटियां कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से कार्य करने और फैलने लगती है, जो कैंसर का कारण बनता है।
रिस्क फैक्टर
सबसे ज्यादा कैंसर का निदान 60 की उम्र वाले लोगों में होता है। हालांकि कैंसर का खतरा सभी आयु वर्ग के लोगों को होता है। इसके आलाव कैंसर का जोखिम धूम्रपान, शराब की आदत, गतिहीन जीवनशैली, फैलिमी हिस्ट्री, हेल्थ कंडीशन, वातावरण जैसे कारक की वजह से बढ़ता है।
कैंसर से बचाव
कैंसर से बचाव का सबसे आसान तरीका है शुरुआती स्टेज में इसका निदान। कई लोगों को 4 स्टेज में जाकर कैंसर का पता लगता है, जो जिसमें मरीज के बचने की संभावना बहुत कम होती है। ऐसे में इसके लक्षणों पर ध्यान रखें, नियमित चेकअप कराएं, और हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों को अपनाएं।