टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
जो सफल हैं, वो जानते हैं कि टॉप पर बने रहने के लिए बेहद जरूरी है अच्छी नींद। मॉडर्न लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा हो गई है प्रोडक्टिविटी। आज प्रोफेशनल्स लगातार ऐसी तकनीक की तलाश करते रहते हैं जिससे उनकी एफिशिएंसी और आउटपुट, दोनों बढ़ें। तो, नींद सबसे नेचुरल और सबसे सरल प्रोडक्टिविटी बूस्टर है। सही सेटिंग के साथ पर्याप्त मात्रा में नींद लेने से आपकी प्रोडक्टिविटी पर चौंकाने वाला असर होता है।
नींद और प्रोडक्टिविटी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
ज्यादातर लोगों को यह पता होता है कि जब वो थक जाते हैं या एग्जॉस्ट महसूस करते हैं तो वो स्लो हो जाते हैं। उनके विचार धुंधला जाते हैं और शारीरिक ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती है।
नींद की कमी और शारीरिक सेहत
जब आपकी नींद पूरी नहीं होती है तो सबसे पहले आपका शरीर थकता है। वह इसलिए कि शरीर को रीचार्ज और हील होने के लिए नींद की जरूरत होती है। जब ऐसा नहीं हो पाता है, तो आपको इसका नकारात्मक असर दिखने लगता है। यह असर कई रूप में दिख सकता है। जैसे- ओवरईटिंग और वेट गेन, हाय एनर्जी एक्टिविटी में धीमा होना, बीमार महसूस करना या हाई ब्लड प्रेशर का होना। इसके अलावा कम नींद से डिप्रेशन, फोकस की कमी भी हो सकती है, भावनात्मक सेहत कमजोर हो सकती है।
नींद की कमी और प्रोडक्टिविटी
नींद की कमी का सीधा असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर प़ड़ता है। आप काम करते हुए बार-बार गलती कर सकते हैं। मूड स्विंग्स और गुस्से के आदी हो सकते हैं। याददाश्त में कमी हो सकती है, बहुत जल्दी बर्न आउट हो सकते हैं, वर्क परफॉर्मेंस काफी हद तक खराब हो सकता है।
ऐसे सुधारें नींद और प्रोडक्टिविटी
1. स्लीप शेड्यूल बनाएं- सबसे पहले तो अपने सोने और उठने का समय तय करें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके शरीर को आराम मिलना मुश्किल होगा। 10 से 12 की एक टाइम विंडो बनाएं। तय करें कि इस बीच सोने चले जाएंगे। इसी तरह सुबह उठने की भी एक टाइम विंडो बनाएं। कोशिश करें कि ये टाइम विंडो कभी टूटने न पाए।
2. घंटों की भी गिनती करें – एवरेज एडल्ट को सामान्य रूप से सात से आठ घंटे की नींद मिलनी चाहिए। सात घंटे की नींद को सफलता की चाबी मान सकते हैं। अगर आपको नहीं पता है कि आप रात को कितने घंटे सोते हैं, तो ट्रैक रखें। स्लीप जर्नल बनाएं। जिस वक्त सोने जाएं और जिस वक्त उठें उसको नोट करें। धीरे-धीरे आपको पता चल जाएगा कि कितनी नींद आप लेते हैं।
3. नींद को इन रोड़ों से बचाएं- अच्छी नींद में कुछ चीजें रोड़ा बन सकती हैं। जैसे ज्यादा खाना, ब्लू लाइट स्क्रीन देखना, कॉफी या अल्कोहोल पीना और व्यायाम करना। रात को सोने से ठीक पहले इन चीजों से बचना बेहद जरूरी है।
4. अच्छी नींद के लिए कुछ चीजों का होना बहुत अच्छा है। जैसे- अरोमा थेरेपी डिफ्यूजर, कमरे को डार्क रखना, केवल अपने बेडरूम में ही सोना, कंफर्टेबल गद्दे और तकिए का उपयोग करना।
ये हैं दुनिया के सबसे सफल लोगों के स्लीपिंग रूटीन …
1. ओपरा विनफ्रे- टॉक शो होस्ट और ऑथर ओपरा विनफ्रे सुनिश्चित करती हैं कि उन्हें पूरे आठ घंटे की नींद मिले। वो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सोती हैं। उनके विचार कृतज्ञता से शुरू होते हैं और कृतज्ञता पर ही खत्म होते हैं। सुबह उठते ही वो अपना फोन नहीं छूतीं, दांतों को ब्रश करके अपने डॉग के साथ घूमने निकल जाती हैं। इसके बाद घर आकर एक्सरसाइज करती हैं। वो कभी अलार्म नहीं लगाती हैं। उठते ही सबसे पहले ईश्वर को एक और नए दिन के लिए धन्यवाद देती हैं। ओपरा मानती हैं कि अच्छी नींद के लिए ये देखना बेहद जरूरी है कि उससे ठीक पहले आपने क्या किया है।
2. जेफ बेजोस- अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस कहते हैं कि यह कई बार बेहद मुश्किल हो जाता है लेकिन वो इस बात को प्राथमिकता देते हैं कि उन्हें आठ घंटे की नींद मिले। जेफ कहते हैं कि अगर उन्हें आठ घंटे नींद मिले तो वो बेहतर सोच पाते हैं, ज्यादा ऊर्जा महसूस करते हैं, उनका मूड बेहतर होता है। वो अपनी सबसे अहम मीटिंग लंच से पहले ही रखते हैं। शाम पांच बजे के बाद वो कोई जरूरी मीटिंग नहीं रखते हैं। सुबह 10 बजे उनकी पहली मीटिंग फिक्स होती है।
3. एलन मस्क- कई व्यवसायों को एक साथ संभालने वाले मस्क भी यह सुनिश्चित करते हैं वो कम से कम 6 घंटे की अच्छी नींद लें। मस्क कहते हैं कि जब बीच में उन्होंने कम सोना शुरू किया, तो देखा कि उनकी प्रोडक्टिविटी तेजी से घट रही थी। लेकिन 6 घंटे से ज्यादा सोना वो अफोर्ड नहीं कर सकते। मस्क रात को एक या दो बजे तक काम करते हैं। अक्सर शनिवार और रविवार को काम नहीं करते, कभी-कभी करते हैं।
4. बिल गेट्स- माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर गेट्स ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि जब तक उन्होंने मैथ्यू वॉकर की ‘वाय वी स्लीप’ किताब नहीं पढ़ी थी वो नींद को महत्व नहीं देते थे। वो मानते थे कि सोना आलस की निशानी है। बिल सलाह देते हैं कि मिड डे नैप लेने से भी दिमाग और शरीर एक्टिव हो जाते हैं।