टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
चीन में कोरोना (Coronavirus In China) के मामले बीते दिनों तेजी से बढ़े और सरकार ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) को पूरे देश में सख्ती से लागू किया. उन क्षेत्रों में कड़ाई और ज्यादा देखी गई, जहां कोविड के मामले ज्यादा थे. हालांकि, सख्त प्रतिबंधों के कारण लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही थी और यही कारण है कि पूरे चीन ने बीते हफ्ते व्यापक विरोध प्रदर्शनों को अनुभव किया. शंघाई से लेकर बीजिंग और वुहान से शिनजियांग तक प्रदर्शन की आग फैल गई. इस प्रदर्शन में लोगों ने ‘ब्लैंक पेज’ यानी कोरे कागजों का सहारा लिया. चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर यह ब्लैंक पेज रेवोल्यूशन क्या है, जो इस वक्त पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है.
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि ब्लैक पेज रिवोल्यूशन आखिर है क्या? चीन में विरोध प्रदर्शनों का दिखना बिल्कुल भी आम नहीं है. सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ धरना देना काफी मुश्किल माना जाता है, लेकिन इस बार चीनी नागरिकों ने इसके लिए एक अनोखा तरीका निकाला. प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सफेद कोरे कागज लिए और सड़कों पर रैलियां निकाली.ब्लैंक A4 पेपर में कोई सिंबल, फोटो या टेक्स्ट नहीं लिखा गया. यह सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की असहमति की सेंसरशिप की प्रतीकात्मक रूप से आलोचना करता है. प्रदर्शनकारियों का ऐसा भी मानना है कि सिर्फ कोरे कागज पकड़ने के लिए सरकार उनको गिरफ्तार नहीं कर सकती. यही कारण है कि वो इसका इस तरह से उपयोग कर रहे हैं. ‘ब्लैंक पेज रिवोल्यूशन’ के अलावा, लोग इसमें इस्तेमाल किए जा रहे कोरे कागज के आकार का हवाला देते हुए इसे ‘श्वेत पत्र क्रांति’ और ‘A4 क्रांति’ भी कह रहे हैं.