टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
श्रम मंत्रालय (Union Labour Ministry) ने कर्मचारियों के जबरदस्ती छंटनी ( Layoffs) किए जाने को लेकर अमेजन इंडिया (Amazon India) को सम्मन भेजा है. मंत्रालय ने सम्मन भेजकर बैंगलुरू में डिप्टी लेबर कमिश्नर (Deputy Labour Commissioner) के सामने बुधवार को पेश होने के लिए कहा है. मंत्रालय ने अपने नोटिस में लिखा है, आपसे अनुरोध किया जाता है कि सभी साक्ष्यों के साथ निजी तौर पर या किसी प्रतिनिधि के माध्यम से इस तारीख और समय पर इस दफ्तर में अवश्य हाजिर हों.
कर्मचारी यूनियन नैससेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्पलॉयज सीनेट (NITES) ने अमेजन इंडिया पर श्रम कानून ( Labour Avt) के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मंत्रालय से इसकी शिकायत की थी. जिसके बाद श्रम मंत्रालय ने अमेजन इंडिया को नोटिस जारी किया है. NITES ने श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ( Bhupendra Yadav) को पत्र लिखकर कहा है कि अमेजन के कर्मचारियों को जोर जबरदस्ती कर कंपनी से बाहर निकाला जा रहा है. यूनियन ने जांच की मांग करते हुए कहा है कि कर्मचारियों को कंपनी की तरफ से वॉलंट्री सेप्रेशन प्रोग्राम (Voluntary Separation Programme) भेजा जा रहा है और 30 नवंबर 2022 तक इसे पूरा करने का डेडलाइन दिया गया है.
कर्मचारी यूनियन के मुताबिक अमेजन इंडिया के इस फैसले से कई कर्मचारियों की जीविका खतरे में पड़ गई है. इंडस्ट्रीज डिस्प्यूट एक्ट (Industries Disputes Act) का हवाला देते हुए यूनियन ने कहा है कि सरकार की अनुमति के बिना एम्पलॉयर अपने एप्लॉयज को नौकरी से नहीं निकाल सकता है. NITES के प्रेसीडेंट हरप्रीत सलूजा के मुताबिक यूनियन इस मामले में कर्मचारियों के लिए न्याय की गुहार लगा रहा है. उन्होंने मांग किया है कि अमेजन इंडिया ने जो गैरकानूनी तरीके से वॉलंट्री सेप्रेशन पॉलिसी जारी किया है उसे सरकार फौरन रद्द करे. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो कंपनी को नोटिस जारी किया है उससे कर्मचारियों को बहुत राहत मिली है.