टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में रैगिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय के पीएनजीबी हॉस्टल के एक छात्र ने कथित तौर पर सीनियर्स की क्रूर रैगिंग से बचने के लिए आत्महत्या की कोशिश की। छात्र हॉस्टल की दो मंजिला इमारत से कूद गया। गंभीर रूप से घायल छात्र को डिब्रूगढ़ के एक प्राइवेट अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। जहां छात्र की हालत नाजुक बताई जा रही है। उधर, छात्र के घरवालों ने हॉस्टल के सीनियर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि छात्र पिछले एक सप्ताह से रैगिंग का शिकार हो रहा था। शनिवार की रात को भी उसके सीनियर्स ने रॉड और बोतलों से प्रताड़ित किया। इसके अलावा उसे 80 बार थप्पड़ मारे थे। बावजूद इसके हॉस्टल वार्डन ने कार्रवाई नहीं की। उधर, असम सीएम ने मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
शिवसागर जिले के अमगुरी का रहने वाले आनंद शर्मा डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के एमकॉम प्रथम सेमेस्टर का छात्र है। रैगिंग से बचने के लिए आनंद शर्मा ने पीएनजीबी हॉस्टल की इमारत से छलांग लगा दी। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के तीन छात्रों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार छात्रों की पहचान परजीत बरुआ, निरंजन ठाकुर के रूप में हुई है। उन्हें पीएनजीबी हॉस्टल से हिरासत में लिया गया। पुलिस ने हालांकि कहा कि मुख्य आरोपी राहुल छेत्री अभी भी फरार है। पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए तीन छात्रों ने पीएनजीबी छात्रावास में रहने वाले अमगुरी के अपने जूनियर आनंद शर्मा की कथित तौर पर रैगिंग की थी।
युवक के परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई है। छात्र की मां का आरोप है कि उनका बेटा पिछले एक सप्ताह से रैगिंग का शिकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि शनिवार की रात को भी उसके सीनियर्स ने उसे रॉड और बोतलों से प्रताड़ित करने के अलावा 80 बार थप्पड़ मारे थे।
उधर, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय (DU) के अधिकारियों ने रैगिंग में भूमिका के लिए 18 छात्रों को निष्कासित कर दिया है। छात्र के लिए न्याय की मांग को लेकर क्षेत्र के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर जितेन हजारिका ने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं।