टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
लगभग दस दिन पहले बिहार पुलिस के नए डीजीपी आरएस भट्टी ने पदभार ग्रहण करने के बाद मातहतों से पहली मुलाकात में नसीहत देते हुए कहा था कि यदि आप अपराधी को नहीं दौड़ाएंगे तो वो आपको दौड़ा देंगे। उनकी बात शनिवार की शाम दीघा थाना क्षेत्र की जहाज घाट गली में सच साबित हुई, जब एक वारंटी के घर का सत्यापन करने दीघा थाना पुलिस के दारोगा राघवेंद्र नारायण सिंह पहुंचे।
एक मामले में लंबे समय से फरार चल रहे उपेंद्र राय के स्वजन ने दारोगा को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। उनका चश्मा और मोबाइल तोड़ दिया। बाइक की चाबी भी छीनने की कोशिश की। किसी तरह वे जान बचाकर वहां से निकले। हालांकि, इस दौरान स्थानीय लोगों ने दारोगा को बचाने का प्रयास तक नहीं किया। दारोगा ने बताया कि वे जख्मी हो गए थे, इसलिए पहले अस्पताल पहुंचकर इलाज कराया। साथ ही थाने को सूचना दी। उपेंद्र के पिता लल्लू राय को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
राघवेंद्र नारायण सिंह दीघा थाने में सहायक अवर निरीक्षक हैं। उन्होंने बताया कि कोर्ट से रामजीचक निवासी लल्लू राय के बेटे उपेंद्र राय के विरुद्ध काफी पुराने मामले में वारंट आया था। उसके पते का सत्यापन करने के लिए वे शाम करीब साढ़े छह बजे जहाज घाट गली में पहुंचे। एक व्यक्ति से जानकारी लेने के बाद लल्लू राय के घर गए और पूछा कि उपेंद्र राय कहां रहते हैं? इतना सुनते ही सात-आठ लोग एकाएक टूट पड़े। उन्हें लात-घूसों से पीटा। बाइक पकड़ने लगे तो वे किसी तरह वहां से भागे। दारोगा के मुताबिक, भीड़ का नेतृत्व विनोद पाल का बेटा बिट्टू कर रहा था, जो पूर्व में कई मामलों में जेल जा चुका है।