टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
Delhi MCD Election 2022 : एमसीडी के एकीकरण के बाद पहले चुनाव के लिए मतदान सुबह आठ बजे से जारी है. यहां आम आदमी पार्टी (AAP) कचरे को मुख्य मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ रही है. वहीं बीजेपी (BJP) निकाय चुनाव में जीत के लिए आश्वस्त दिख रही है, जबकि कांग्रेस (Congress) को आधार बचाने की उम्मीद है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
इस बार दिल्ली के 250 वार्डों में लगभग 1.5 करोड़ लोग मतदान करने के योग्य हैं. वोटिंग सुबह 8 बजे शुरू होगी और पोलिंग स्टेशन के गेट शाम 5.30 बजे बंद होंगे, गेट बंद होने के बाद जो अंदर हैं वे ही वोट डाल सकते हैं. मतदान के दिन मेट्रो रेल सेवाएं सामान्य से दो घंटे पहले सुबह 4 बजे शुरू होगी. एमसीडी चुनाव का रिजल्ट 7 दिसंबर को आएगा.
दिल्ली एमसीडी चुनाव में इस बार 1300 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं. AAP और BJP, दोनों वर्तमान में राज्य और केंद्र सरकारों के माध्यम से दिल्ली के प्रशासन के कुछ हिस्सों को नियंत्रित कर रहे हैं, सभी सीटों पर लड़ रहे हैं. AAP के उदय के बाद से ही दिल्ली में अपनी जमीन हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस 247 सीटों पर लड़ रही है, क्योंकि उसके तीन उम्मीदवारों के नामांकन तकनीकी कारणों से खारिज कर दिए गए थे.
हालांकि बीजेपी ने पिछले 24 वर्षों में दिल्ली में सरकार नहीं बनाई है, लेकिन एमसीडी पर उसका नियंत्रण मजबूत रहा है. 2015 के विधानसभा चुनावों में AAP द्वारा 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीतने के बाद भी, भाजपा ने दो साल बाद, अपनी 272 सीटों में से 181 सीटें जीतकर नागरिक निकाय को बरकरार रखा. आप 48 के साथ दूसरे और कांग्रेस 30 के साथ तीसरे स्थान पर रही.
बीजेपी ने पीएम नरेंद्र मोदी को कुछ झोपड़पट्टी पुनर्वास फ्लैटों की चाबियां सौंपने के लिए – अपने अभियान के मुख्य आकर्षण में से एक – और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और कई मुख्यमंत्रियों के अलावा अमित शाह के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रियों को एक अभियान में तैनात किया.
AAP ने पिछले साल की शुरुआत से तैयारी की थी. इसने सीधे तौर पर कचरे के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा. “हमने राज्य के तहत चीजों में सुधार किया है, अब हमें स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए.” “केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल के नगरसेवक” का नारा बीजेपी की “मोदी के डबल इंजन” की समान पिच को टक्कर देता है. दोनों अपने शीर्ष नेताओं के फेस पर चुनाव लड़ रहे हैं.
भाजपा ने आवास के वादे किए हैं, और मनीष सिसोदिया सहित आप के कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. गिरफ्तार मंत्री सत्येंद्र जैन को तिहाड़ जेल में ‘विशेष इलाज’ मिलने के सीसीटीवी वीडियो सामने आए हैं. कांग्रेस ने भी इनका इस्तेमाल आप पर कटाक्ष करने के लिए किया है, लेकिन आप ने “कट्टर ईमानदार” होने का दावा करते हुए शोर मचा रखा है. केजरीवाल का कहना है कि मुख्यमंत्री के रूप में उनका “शानदार” काम “फर्जी आरोपों” और “केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग” से पराजित नहीं होगा.
कांग्रेस को उम्मीद है कि कम से कम प्रभाव के कुछ हिस्से तो मिल ही जाएंगे. 2019 में शीला दीक्षित की मृत्यु के बाद भी यह दिल्ली में पुनर्निर्माण कर रहा है. विचारधारा की मैक्रो-राजनीति पर इसका ध्यान – राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में स्पष्ट है जो अभी भी मध्य भारत में है.
दिल्ली में तीन साल से भी कम समय पहले दंगे हुए थे, और धर्म-आधारित बयानबाजी हुई, जिसको सांप्रदायिक प्रचार के रूप में देखा गया. सोशल मीडिया पर हिमाचल प्रदेश और गुजरात से इस तरह की बयानबाजी ने दिल्ली के नागरिक स्थान में भी प्रवेश किया.
राजनीतिक दलों के दांव बड़े हैं और बयानबाजी तेज है, इसलिए सुरक्षा भी है. लगभग 40,000 राज्य पुलिस, 20,000 होमगार्ड, और अर्धसैनिक और राज्य सशस्त्र पुलिस के 8,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है. कुल लगभग 70,000 बल. साथ ही 60 ड्रोन कैमरे संवेदनशील इलाकों पर नजर रखेंगे. “सांप्रदायिकता भड़कने को रोकना पुलिस का फोकस है.
दिल्ली नागरिक निकाय पिछले कुछ महीनों में समानांतर लड़ी जा रही तीन चुनावी लड़ाइयों में से एक है. अन्य हिमाचल प्रदेश और पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं, जहां भी भाजपा सत्ता में है. हिमाचल में कांग्रेस-भाजपा की लड़ाई अधिक थी, लेकिन यह गुजरात है जहां आप कांग्रेस को एक तरफ धकेलने और अंदर घुसने की कोशिश कर रही है.