इनकम टैक्स भरना बहुत से लोगों को झंझट भरा काम लगता है। लोग इस बात को लेकर हमेशा कंफ्यूज रहते हैं कि उन्हें कौन-सा आईटीआर फॉर्म भरना चाहिए। मौजूदा समय में इनकम टैक्स भरने के लिए आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर-7 तक कई फॉर्म हैं, जिन्हें आयकर भरने वाले व्यक्ति को अपनी जरूरत के हिसाब से चुनना पड़ता है। कई करदाताओं को गलत फॉर्म के कारण पेनल्टी या फिर आयकर नोटिस का भी सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को कम करने के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक कॉमन आरटीआर फॉर्म का प्रस्ताव रखा है। इसमें आरटीआर 7 को छोड़कर सभी आरटीआर यानी एक से छह तक को मर्ज करने के बारे में कहा है। इसके लिए सीबीडीटी ने इस प्रस्ताव पर सभी पक्षकरों से 15 दिसंबर तक सुझाव मांगे हैं।
अगर सीबीडीटी का आरटीआर फॉर्म एक से छह तक मर्ज करने का प्रस्ताव अमल में लाया जाता है, तो इनकम टैक्स भरना पहले के मुकाबले काफी आसान हो जाएगा। इनकम टैक्स भरने वाला कोई भी व्यक्ति आसानी से केवल एक फॉर्म भरकर अपना टैक्स जमा कर सकता है। इससे गलत फॉर्म चुनने के कारण लगने वाली पेनल्टी और नोटिस से भी छुटकारा मिल जाएगा। बता दें, इसे सरकार की ओर से आयकर प्रक्रिया को आसान करने की पहल के रूप में देखा जा रहा है।
क्या सभी ITR फॉर्म बंद हो जाएंगे?
सीबीडीटी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि मौजूदा आईटीआर 1 से लेकर आईटीआर 4 बना रहेगा। इनकम टैक्स भरने वाला व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार आईटीआर 1 से लकेर आईटीआर 4 तक फॉर्म का चयन करके या फिर नया कॉमन आईटीआर फॉर्म चुनकर अपना रिटर्न जमा कर सकता है।