दिल्ली. ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुके भारत को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने नया दावा किया है. आईएमएफ के अनुसार मौजूदा विकास दर के आधार पर भारत 2027 में जर्मनी और 2029 में जापान से आगे निकलकर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार इस साल पहली तिमाही में विकास दर 13.5 प्रतिशत रही है. इस दर से भारत के इस वित्त वर्ष में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था रहने की संभावना है. पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ अरविंद विरमानी का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का सफर आगे भी जारी रहेगा और भारत आने वाले कुछ साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
आर्थिक रूप विकसित दुनिया के बड़े देशों की अर्थव्यस्थाओं पर रूस यूक्रेन युद्ध, महंगाई में इजाफे के कारण संकट के बादल छाये हुए हैं. इन देशों पर मंदी आने का खतरा मंडरा रहा है. पर भारत को दुनिया का चमकता सितारा बताया जा रहा है. आईएमएफ ने जब दुनिया के कई देशों के विकास दर के अनुमान को घटा दिया है पर उसका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इन सभी चुनौतियों के बावजूद 6.8 प्रतिशत की दर से मौजूदा वित्त वर्ष में विकास करेगी जो अमेरिका-चीन के मुकाबले कहीं ज्यादा है.
भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और 2028-30 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अथज़्व्यवस्था बन जाएगा. 2014 में भारतीय अथज़्व्यवस्था दुनिया में 10वीं सबसे बड़ी थी, इस लिहाज से 7 स्थान का बदलाव दिख सकता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार भारत अपनी अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से अब ज्यादा पीछे नहीं है.
आईएमएफ के अनुसार 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था जर्मनी के बराबर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. 2026-27 में भारतीय अर्थव्यवस्था का साइज बढ़कर 4.94 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा. और उसके बाद के वर्ष 2027- 28 में भारतीय अर्थव्यवस्था जापान के 5.17 ट्रिलियन डॉलर के मुकाबले बढ़कर 5.36 ट्रिलियन डॉलर की होगी.
2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था का साइज 3.18 ट्रिलियन डॉलर का रहा था. जबकि 2021 में यूके की अर्थव्यवस्था का आकार 3.19 ट्रिलियन डॉलर था. भारत में अप्रैल से मार्च की अवधि को वित्त वर्ष माना जाता है. जबकि यूके में कैलेंडर वर्ष को ही वित्त वर्ष माना जाता है. हाल ही में यूनाइटेड किंग्डम को पीछे छोड़ भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में कामयाब रही. हालांकि ये डाटा तिमाही आंकड़ों के आधार पर तैयार किए थे.