क्या आप जानते हैं कि भारत ने कभी भी बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगिरी के लिए ऑस्कर अवार्ड नहीं जीता है? हालांकि, कुछ फिल्मों इस कैटेगरी में नॉमिनेट होने पर टॉप पर जरूरी पहुंची.
हर फिल्ममेकर का सपना होता है कि उसकी फिल्म को ऑस्कर अवार्ड मिले. वहीं कई भारतीय फिल्में भी इस कैटेगरी में नॉमिनेट हुई हैं. चलिए जानते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन सी इंडियन फिल्म शामिल है.
मदर इंडिया (1957)- फिल्ममेकर महबूब खान द्वारा डायरेक्ट की गई फिल्म मदर इंडिया फरवरी 1957 में बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी हिट साबित हुई थी. नरगिस, सुनील दत्त, राज कुमार और राजेंद्र कुमार जैसे फेमस एक्टर्स ने फिल्म में लीड रोल प्ले किया था. फिल्म गरीबी की मार झेल रही लेकिन एक बहादुर महिला राधा (नरगिस) के इर्द-गिर्द घूमती है जो काफी मुश्किलों से अपने बेटों को पालती है. इस फिल्म ने महिला सशक्तिकरण के सिद्धांत पर ध्यान केंद्रित करते हुए सराहना की एक बड़ी लहर पैदा की थी. इसी के साथ, मदर इंडिया बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म के लिए एकेडमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली इंडियन फिल्म बनी थी.
सलाम बॉम्बे! (1988)-न्यूयॉर्क बेस्ड इंडियन फिल्ममेकर मीरा नायर के डायरेक्शन में बनी फिल्म सलाम बॉम्बे एक 12 वर्षीय स्ट्रीट बॉय की लाइफ पर आधारित है जो परिवार के ना होने पर काफी मुश्किलों से अपना गुजारा करता है. फिल्म में दिखाया गया है कि बंबई की खस्ताहाल सड़कों, खासकर शहर की झुग्गी-झोपड़ियों में रहना कोई आसान काम नहीं है. कहानी से पता चलता है कि कैसे युवा लड़के को जीवन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. फिल्म में शफीक सैयद, रघुवीर यादव, अनीता कंवर, नाना पाटेकर, हंसा विट्ठल और चंदा शर्मा जैसे कलाकार थे. इस फिल्म को इंडियन नेशनल फिल्म डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन ने को-फाइनेंस किया था. यह बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म के लिए एकेडमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होने वाली दूसरी भारतीय फिल्म
लगान (2001)- सीधे शब्दों में कहें तो लगान ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीयों की दुर्दशा को दर्शाया था. फिल्म में दिखाया गया है कि अंग्रेज एक गांव के लोगों को बेबुनियाद वजहों से लगान (कर) देने के लिए मजबूर करते है. इस समस्या से बाहर आने के लिए, ग्रामीण और सत्ता में बैठे लोग क्रिकेट मैच खेलने का फैसला करते हैं आशुतोष गोवारिकर के डायरेक्शन में बनी फिल्म लगान 2001 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. फिल्म में आमिर खान, ग्रेसी सिंह और ब्रिटिश अभिनेता पॉल ब्लैकथॉर्न और राचेल शेली ने मुख्य भूमिका निभाई थी. यह फिल्म बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म के लिए एकेडमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होने वाली तीसरी भारतीय फिल्म थी.
राइटिंग विद फायर (2021 डॉक्यूमेंट्री फिल्म)- फिल्म निर्माताओं सुष्मित घोष और रिंटू थॉमस द्वारा निर्देशित भारतीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म, राइटिंग विद फायर, दलित महिलाओं के नेतृत्व वाले अखबार चलाने वाले जनर्लिस्ट एक ग्रुप की स्टोरी पर बेस्ड है. फिल्म में चीफ रिपोर्टर मीरा और उनके पत्रकारों का ग्रुप परंपराओं से अलग हो जाता है और देश के लोगों की मदद करने और पावरफुल होने का क्या मतलब है, इस विचार को रीडिफाइन करने के मकसद से काम करता है.
छेलो शो- बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म के लिए एकेडमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होने वाली फिल्मों में गुजराती फिल्म छेलो शो भी है. उम्मीद है कि यह फिल्म कमाल करेगी और अकादमी पुरस्कार 2023 हासिल करेगी.