टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सेंट्रल गवर्नमेंट के माध्यम से दी जाने वाली सेविंग योजना है। इसकी शुरुआत असंगठित सेक्टर के सेल्फ एम्प्लॉयमेंट और श्रमिकों को वृद्धावस्था में इनकम की सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। PPF में कम रिस्क और बेहतर ब्याज दर के साथ भारत में सबसे अच्छे सेविंग साधनों में से एक है। असंगठित सेक्टर में काम कर रहे लोगों के अलावा युवा, नौकरीपेशा वाले लोग PPF अकाउंट में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।
कर सकते हैं इतना इन्वेस्टमेंट
वहीं, इसी तरह से टैक्सपेयर PPF अकाउंट में इन्वेस्टमेंट करके सालाना 1,50,000 रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। एक साल में कम से कम 500 रुपये का इन्वेस्टमेंट इसमें करना होता है। लेकिन इसमें 1,50,000 रुपये से अधिक का इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।
अकाउंट हो सकता है एक्सपायर
आपको बता दें कि, इसमें आम समस्याओं का सामना अकसर PPF अकाउंट होल्डर को सकता है। क्योंकि PPF अकाउंट एक्सपायर होने का डर बना रहता है। वहीं, कई स्थितियां ऐसी होती हैं जहां कस्टम को ये पता चलता है कि उनका PPF अकाउंट एक्सपायर हो गया है। लेकिन इसे एक आवेदन पत्र के जरिए फिर से अकाउंट खुलवा सकते हैं। अगर कोई PPF अकाउंट होल्डर फाइनेंशिय वर्ष में कम राशि देने में विफल रहता है, तो उसका अकाउंट को बंद कर दिया जाता है। साथ ही, अकाउंट होल्डर विड्रॉल की सुविधा का ऑप्शन खो देता है। ऐसी स्थितियों में अकाउंट होल्डर अपने PPF के पैसे पर लोन नहीं ले सकते हैं।