देश के सबसे बड़े बैंकिंग सिस्टम पर हैकिंग का खतरा बढ़ गया है। यह खतरा उन यूजर्स के लिए ज्यादा है, जो SBI Online या फिर SBI UPI बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल एक नए Drinik वायरस की पहचान हुई है। यह अन्य बैंकिंग ट्रोजन की तरह ड्रिनिक एक एक्सेसिबिलिटी ट्रोजन है, जो खासकर SBI Internet banking और SBI UPI पेमेंट करने वाले यूजर्स को निशाना बना रहा है। अगर आप चाहते हैं कि आपका अकाउंट सुरक्षित रहे, तो आपको SBI Online Banking करते वक्त साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रिया सांखला की 6 बातों का ख्याल रखना चाहिए।
कैसे SBI यूजर्स को बना रहा निशाना?
Drinik वायरस के मोबाइल में एक बार इंस्टॉल हो जाने पर यूजर्स कई चीजों का एक्सेस ले लेता है। इससे मैलवेयर कॉल लॉग और SMS पढ़ना और भेजना शामिल होता है। इसके अलावा यह वायरस आपके स्टोर डेटा को पढ़ने और उसके इस्तेमाल की अनुमति हासिल कर लेता है। इस तरह आपकी डिवाइस का कंट्रोल अपने हाथों में ले लेता है। यह वायरस बायोमेट्रिक पिन और कीस्ट्रोक्स की डिटेल हासािल करने में माहिर है।
Drinik वायरस से बचने के उपाय
1. पेमेंट के लिए SMS से मिलने वाली किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
2. सरकार किसी भी तरह के रिफंड के लिए कोई SMS नहीं भेजती है।
3. मोबाइल पेमेंट पिन किसी भी ऐप में न डाल दें।
4. ऑनलाइन पेमेंट के लिए एप के स्थान पर कंप्यूटर पर वेबसाइट का उपयोग करना अच्छा होता है।
5. बैंकिंग ऐप, इनकम टैक्स ऐप इंस्टॉल करने से बचें और पासवर्ड, बैंक के कस्टमर आईडी को मोबाइल नोट पर या गैलरी में फोटो सेव न करें
6. सीधे बैंकिंग ऐप का उपयोग करने के बजाय, सीमा के साथ डिजिटल वॉलेट मोबाइल से ऑनलाइन पेमेंट अच्छा तरीका है। अगर आपके मोबाइल में कोई भी मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है तो आप अपने बैंक खाते का पूरा पैसा नहीं खोएंगे।